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गूगल से गिल ऑर्गेनिक्स तक: एक भारतीय टेक्नीशियन कैसे शहरी खेती में क्रांति ला रहा है

by ffreedom blogs

आज के तेज़-तर्रार शहरी जीवनशैली में, कई परिवार अपने खाए जाने वाले भोजन से धीरे-धीरे अलग होते जा रहे हैं। प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ, रासायनिक युक्त सब्जियां और खाद्य आपूर्ति श्रृंखला में पारदर्शिता की कमी भारत में स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं को जन्म दे रही है। लेकिन एक व्यक्ति ने यह बदलाव लाने का निर्णय लिया और शहरी घरों में ताजे, जैविक उत्पादों को सीधे लाने के लिए एक अभिनव शहरी खेती उद्यम की शुरुआत की। मिलिए मंतज सिद्धू से, जो गूगल के पूर्व कर्मचारी हैं और जिन्होंने पंजाब में गिल ऑर्गेनिक्स नामक शहरी खेती का व्यवसाय शुरू किया।

उद्यम के पीछे की कहानी

मंतज सिद्धू ने गूगल के डबलिन कार्यालय में एक अकाउंट मैनेजर के रूप में सफल करियर बनाया था। इसके बावजूद, उन्हें अपनी मातृभूमि लौटने और अपने समुदाय के लिए सार्थक रूप से योगदान देने की गहरी इच्छा थी। मंतज विशेष रूप से भारतीय घरों में उपलब्ध भोजन की गुणवत्ता को लेकर चिंतित थे।

गहन शोध के बाद, उन्हें पता चला कि भारत में एक बड़ा हिस्सा रासायनिक खेती से उगाए गए सब्जियों का है। इसके अलावा, कृषि क्षेत्र में सख्त नियमों की कमी भी खाद्य सुरक्षा को और कमजोर कर रही थी। इस अहसास ने उन्हें गूगल की शानदार नौकरी छोड़ने और एक अधिक सार्थक उद्देश्य के लिए काम करने की प्रेरणा दी: स्थायी, रासायनिक-मुक्त खेती को बढ़ावा देना।

गिल ऑर्गेनिक्स क्या है?

गिल ऑर्गेनिक्स एक शहरी खेती पहल है जिसका उद्देश्य लोगों को उनके खाए जाने वाले भोजन से फिर से जोड़ना है। यह उद्यम ‘क्लाउड फार्म’ कार्यक्रम के तहत शहरी परिवारों को अपनी जैविक सब्जियाँ उगाने में मदद करता है।

क्लाउड फार्म कार्यक्रम क्या है?

क्लाउड फार्म कार्यक्रम शहरी परिवारों के लिए ताजे, जैविक सब्जियां उगाने की प्रक्रिया को सरल बनाता है। यह इस प्रकार काम करता है:

  • समर्पित भूमि: शहरी परिवार एक विशिष्ट मौसम (गर्मी या सर्दी) के लिए एक विशेष भूमि का पट्टा लेते हैं।
  • कस्टमाइज्ड खेती: परिवार अपनी इच्छित सब्जियाँ चुनते हैं, जैसे पालक, फूलगोभी, गाजर, आलू आदि।
  • रासायनिक-मुक्त खेती: खेती की प्रक्रिया पूरी तरह से जैविक होती है, जिससे सब्जियाँ हानिकारक कीटनाशकों और रसायनों से मुक्त रहती हैं।
  • साप्ताहिक डिलीवरी: ताजे उगाए गए उत्पाद सीधे परिवार के दरवाजे पर हर सप्ताह भेजे जाते हैं।
  • कृषि यात्रा: सदस्य फार्म पर जाकर अपनी सब्जियों के उगने की प्रक्रिया देख सकते हैं, हाथों से फसल काटने का अनुभव कर सकते हैं और अपने परिवार के साथ फार्म हाउस का आनंद ले सकते हैं।

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मंतज सिद्धू ने गिल ऑर्गेनिक्स क्यों शुरू किया?

मंतज सिद्धू की प्रेरणा दो मुख्य कारणों से उत्पन्न हुई:

  1. स्वास्थ्य चिंताएँ: कृषि में रासायनिक और कीटनाशकों का अत्यधिक उपयोग बढ़ती चिंता का विषय था। वे शहरी परिवारों के लिए एक स्वस्थ विकल्प प्रदान करना चाहते थे।
  2. समुदाय से जुड़ाव: उनका मानना था कि लोगों को अपने भोजन से गहरी कनेक्शन होनी चाहिए और उन्हें यह समझना चाहिए कि यह कहाँ से आता है। उनका उद्यम स्थानीय किसानों की मदद करने और स्थायी खेती को बढ़ावा देने का भी उद्देश्य रखता था।

जो उगाओ वही खाओ’ के लाभ

गिल ऑर्गेनिक्स का क्लाउड फार्म कार्यक्रम शहरी परिवारों के लिए कई लाभ प्रदान करता है:

  1. स्वस्थ आहार: ताजे, जैविक, और रासायनिक-मुक्त सब्जियाँ परिवारों को एक स्वस्थ आहार प्रदान करती हैं। जैविक सब्जियाँ पारंपरिक खेती से उगाई गई सब्जियों के मुकाबले अधिक पोषक तत्वों से भरपूर होती हैं।
  2. स्थायित्व: जैविक खेती पारंपरिक खेती की तुलना में पर्यावरण पर कम प्रभाव डालती है। यह रासायनिकों के उपयोग को कम करके स्थायी कृषि को बढ़ावा देती है।
  3. शिक्षा के अवसर: विशेष रूप से बच्चों को खेती की प्रक्रिया के बारे में सीखने का अवसर मिलता है और वे अपने भोजन के स्रोत को समझ पाते हैं। फार्म यात्रा एक अद्वितीय शैक्षिक अनुभव प्रदान करती है।
  4. समुदायिक जुड़ाव: यह कार्यक्रम शहरी उपभोक्ताओं और ग्रामीण किसानों के बीच रिश्ते को मजबूत करता है, जिससे लोग खेती में लगे श्रम की सराहना करते हैं।

गिल ऑर्गेनिक्स का अब तक का प्रभाव

गिल ऑर्गेनिक्स की शुरुआत से ही पंजाब के शहरी परिवारों से इसे अत्यधिक सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली है। कई सदस्य उत्पाद की गुणवत्ता और प्रक्रिया की पारदर्शिता से संतुष्ट हैं। इस पहल ने स्थानीय किसानों को जैविक खेती के माध्यम से स्थिर आय भी प्रदान की है।

इसके अलावा, ‘जो उगाओ वही खाओ’ अवधारणा ने शहरी क्षेत्रों में स्थायी जीवनशैली और स्वस्थ आहार के बारे में चर्चाएं शुरू की हैं। यह उद्यम यह साबित कर चुका है कि लोग ताजे, रासायनिक-मुक्त उत्पादों के लिए अधिक कीमत चुकाने के लिए तैयार हैं, बशर्ते उन्हें उसकी प्रामाणिकता की गारंटी दी जाए।

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गिल ऑर्गेनिक्स को जिन चुनौतियों का सामना करना पड़ा

इस उद्यम ने सफलता तो प्राप्त की है, लेकिन यह चुनौतियों के बिना नहीं था:

  • जागरूकता: बहुत से लोग जैविक खेती के लाभों से अनजान हैं और ऐसे कार्यक्रमों में निवेश करने के लिए हिचकते हैं।
  • लॉजिस्टिक्स: शहरी क्षेत्रों में ताजे उत्पादों की डिलीवरी के लिए एक कुशल आपूर्ति श्रृंखला की आवश्यकता होती है, जो प्रबंधित करना चुनौतीपूर्ण हो सकता है।
  • लागत: जैविक खेती पारंपरिक खेती की तुलना में अधिक महंगी हो सकती है, जिससे कीमतों को प्रतिस्पर्धी बनाए रखना मुश्किल होता है।

इन चुनौतियों के बावजूद, मंतज सिद्धू और उनकी टीम स्वस्थ और स्थायी जीवनशैली को बढ़ावा देने के अपने मिशन के प्रति प्रतिबद्ध हैं।

गिल ऑर्गेनिक्स के भविष्य के योजनाएं

आगे देखते हुए, गिल ऑर्गेनिक्स अपने क्लाउड फार्म कार्यक्रम का विस्तार भारत के अन्य शहरों में करने का लक्ष्य रखता है। टीम और अधिक फसलों को पेश करने और जैविक खाना पकाने की कक्षाओं और बागवानी कार्यशालाओं जैसी मूल्य-संवर्धित सेवाओं की शुरुआत करने पर विचार कर रही है।

इसके अलावा, उद्यम स्थानीय स्कूलों के साथ साझेदारी करने की योजना बना रहा है ताकि बच्चों को स्थायी खेती और स्वस्थ खाने की आदतों के महत्व के बारे में जागरूक किया जा सके।

शहरी परिवार गिल ऑर्गेनिक्स से कैसे जुड़ सकते हैं?

गिल ऑर्गेनिक्स से जुड़ना सरल है:

  • क्लाउड फार्म कार्यक्रम में सदस्यता लें: उनके वेबसाइट पर जाकर मौसमी सदस्यता के लिए साइन अप करें।
  • अपनी सब्जियाँ चुनें: अपनी पसंदीदा सब्जियाँ चुनें जिन्हें आप अपनी समर्पित भूमि पर उगाना चाहते हैं।
  • साप्ताहिक डिलीवरी प्राप्त करें: ताजे, जैविक उत्पाद सीधे आपके दरवाजे पर भेजे जाएंगे।
  • फार्म पर जाएं: खेती का firsthand अनुभव करें और प्रकृति से जुड़ें।

निष्कर्ष: स्थायी जीवन की ओर एक आंदोलन

गिल ऑर्गेनिक्स सिर्फ एक व्यवसाय नहीं है; यह एक आंदोलन है जो लोगों को उनके भोजन के चुनाव पर नियंत्रण लेने और स्थायी जीवनशैली को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहित करता है। मंतज सिद्धू और उनकी टीम शहरी परिवारों को अपनी जैविक सब्जियाँ उगाने का मंच प्रदान करके स्वस्थ जीवनशैली और मजबूत समुदायों की खेती कर रहे हैं।

कॉर्पोरेट दुनिया से जैविक खेती तक का सफर यह साबित करता है कि एक विचार से सार्थक बदलाव की शुरुआत हो सकती है। जैसे-जैसे लोग ‘जो उगाओ वही खाओ’ सिद्धांत के लाभों के बारे में जागरूक हो रहे हैं, गिल ऑर्गेनिक्स जैसे उद्यम स्वस्थ और स्थायी भविष्य के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।

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