साल के अंत में ऑटोमोबाइल सेक्टर आमतौर पर अपनी अंतिम बिक्री को बढ़ावा देने के लिए उत्सव की भावना और बड़ी छूट का सहारा लेता है। लेकिन दिसंबर 2024 में यह बिक्री उछाल उतनी प्रभावी नहीं दिख रही है, जितनी उम्मीद थी। इस लेख में, हम इस साल की ऑटो बिक्री को प्रभावित करने वाले प्रमुख कारणों और उपभोक्ता व्यवहार को विस्तार से समझेंगे।
दिसंबर ऑटो सेल्स की मुख्य बातें
- अधिकतर मॉडलों पर भारी छूट
- वाहन निर्माताओं ने नए मॉडल लॉन्च से पहले स्टॉक खाली करने के लिए आक्रामक छूट पेश की है।
- छूट ₹10,000 से लेकर प्रीमियम एसयूवी पर ₹1 लाख से अधिक तक हैं।
- एक्सचेंज बोनस, विस्तारित वारंटी, और लॉयल्टी बेनिफिट जैसी पेशकशें भी दी जा रही हैं।
- उपभोक्ताओं की कमजोर भावना
- आकर्षक ऑफर्स के बावजूद, शोरूम पर भीड़ कम हो रही है।
- आर्थिक अनिश्चितताओं और बढ़ती ईंधन कीमतों के कारण लोग खरीदारी से बच रहे हैं।
- ऑटो लोन पर ऊंची ब्याज दरें भी बिक्री को प्रभावित कर रही हैं।
- इन्वेंट्री क्लियरेंस का दबाव
- बीएस6 फेज-2 वाहनों के मौजूदा स्टॉक को दिसंबर में बेचना निर्माताओं के लिए जरूरी है।
- डीलरशिप को साल के अंत तक बिक्री लक्ष्य पूरा करने के लिए अतिरिक्त प्रयास करना पड़ रहा है।
- उपभोक्ताओं की प्राथमिकताओं में बदलाव
- पर्यावरण और आर्थिक लाभों के कारण इलेक्ट्रिक वाहनों की ओर झुकाव बढ़ रहा है।
- पारंपरिक ईंधन चालित वाहनों की बिक्री धीमी हो रही है।
क्यों छूट बिक्री बढ़ाने के लिए पर्याप्त नहीं है
दिसंबर में छूट आम तौर पर बड़ी संख्या में ग्राहकों को आकर्षित करती है, लेकिन इस साल स्थिति अलग है। इसके प्रमुख कारण:
- आर्थिक चिंताएं: महंगाई के कारण घरेलू बजट पर असर पड़ा है, जिससे वाहन खरीदारी कम हो गई है।
- खरीदारी का ट्रेंड बदलना: ग्राहक नए लॉन्च या इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए इंतजार कर रहे हैं।
- लोन महंगा होना: महंगे ऑटो लोन के कारण वाहन खरीदना मध्यम वर्ग के लिए मुश्किल हो गया है।
- प्री-बुकिंग का प्रभाव: अक्टूबर और नवंबर जैसे त्योहारों के महीनों में खरीदारी पहले ही हो चुकी है, जिससे दिसंबर में मांग कम है।
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सेगमेंट-वाइज प्रदर्शन विश्लेषण
1. पैसेंजर व्हीकल्स (पीवी)
- कॉम्पैक्ट कारें: शहरी खरीदारों के कारण मध्यम मांग।
- सेडान: एसयूवी की बढ़ती लोकप्रियता के कारण मांग कमजोर।
- एसयूवी: वॉल्यूम के हिसाब से मजबूत लेकिन ग्रोथ रेट में थोड़ी गिरावट।
2. टू-व्हीलर्स
- ग्रामीण बाजारों में एंट्री-लेवल बाइक की बिक्री धीमी।
- प्रीमियम बाइक उत्साही ग्राहकों को आकर्षित कर रही हैं।
3. इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (ईवी)
- इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री बढ़ रही है, खासकर दोपहिया और चारपहिया सेगमेंट में।
- सरकारी सब्सिडी और कम संचालन लागत इसमें अहम भूमिका निभा रही है।
4. कमर्शियल व्हीकल्स (सीवी)
- इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स और फ्रेट गतिविधियों के कारण मांग स्थिर है।
उपभोक्ता व्यवहार की झलक
- त्योहारों में खरीदारी पूरी हो चुकी: अक्टूबर-नवंबर में त्योहारों के दौरान बिक्री बढ़ जाती है, जिससे दिसंबर में कम ग्राहक बचते हैं।
- ऑटो एक्सपो 2025 का इंतजार: ग्राहक नए लॉन्च के लिए इंतजार कर रहे हैं, जो जनवरी 2025 में होने वाले हैं।
- ऑनलाइन रिसर्च का बढ़ता चलन: ग्राहक शोरूम जाने की बजाय ऑनलाइन कार ऑप्शन देखना पसंद कर रहे हैं।
बिक्री बढ़ाने के लिए रणनीतियां
ऑटो कंपनियां और डीलरशिप इस मंदी को कम करने के लिए कुछ नई रणनीतियां अपना रही हैं:
- फ्लेक्सिबल फाइनेंसिंग स्कीम्स: कस्टमाइज्ड ईएमआई और कम डाउन पेमेंट जैसी सुविधाएं दी जा रही हैं।
- डिजिटल आउटरीच: ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के माध्यम से ऑफर्स को प्रचारित किया जा रहा है।
- एक्सपीरियंस जोन: ग्राहकों को वाहन की टेस्ट-ड्राइव और अनुभव के लिए इंटरैक्टिव प्रदर्शनी।
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ऑटो इंडस्ट्री का भविष्य
भले ही दिसंबर में बिक्री धीमी हो, लेकिन लंबी अवधि में सेक्टर के लिए दृष्टिकोण सकारात्मक है:
- इलेक्ट्रिक मोबिलिटी की ओर बदलाव: ईवी में निवेश इंडस्ट्री का परिदृश्य बदलने वाला है।
- इंफ्रास्ट्रक्चर विकास: आगामी प्रोजेक्ट्स कमर्शियल वाहनों की मांग को बढ़ाएंगे।
- डिजिटल क्रांति: ऑनलाइन बिक्री चैनल राजस्व का बड़ा हिस्सा बन सकते हैं।
दिसंबर बिक्री: खरीदारों के लिए क्या मायने रखती है?
खरीदारों के लिए दिसंबर एक बेहतरीन समय है, लेकिन ध्यान रखें:
- क्लियरेंस मॉडल्स: छूट पुराने मॉडल्स पर अधिक होती है, लेकिन इनमें लेटेस्ट फीचर्स नहीं होते।
- लोन की लागत: हाई-इंटरेस्ट रेट को ध्यान में रखें।
- भविष्य मूल्य: इलेक्ट्रिक वाहनों के बढ़ते चलन के कारण पारंपरिक वाहनों का रीसेल वैल्यू कम हो सकता है।