दोस्तों काम चाहे कोई भी हो, काम छोटा या बड़ा नहीं होता, बड़ी होती है तो उस काम को करने के पीछे की सोंच।
आज हम अपने पहले आइकॉन ऑफ भारत के बारे में बात करने वाले हैं जिन्होंने बहुत कम उम्र में एक ऐसी शुरुआत की है जो पूरे भारत को प्रेरित कर रही है।
दिल्ली के एक मध्यमवर्ग परिवार में पली-बढ़ी प्रेरणा शर्मा जिन्होंने उस छोटे से उम्र में जहां अधिकांश लोग स्टार्टअप शब्द का मतलब भी ठीक से नहीं समझ पाते वही प्रेरणा ने उसी उम्र में अपने भविष्य के मानचित्र की रचना शुरू कर दी थी। महज 15 साल की उम्र में ही प्रेरणा ने स्कूल के एक प्रोजेक्ट को बनाते-बनाते अपनी प्रतिभा से कमाई किस तरह की जा सकती है इस बात कि गुत्थी को सुलझा लिया था। इस बात से मतलब यह है की प्रेरणा ने अपने दसवीं क्लास में स्कूल में रहकर ही स्कूल के प्रोजेक्ट बनाकर अपने मेहनत की पहली कमाई की थी।
तो आइए विस्तार से जानते हैं प्रेरणा के स्टार्टअप की कहानी जिसने उन्हें गिफ्टिंग क्वीन के नाम से नवाजा है।
हमारी पहली आइकॉन ऑफ भारत के फेहरिस्त में शामिल प्रेरणा शर्मा दिल्ली की गिफ्टिंग क्वीन कहलाती हैं जिन्होंने अपने शौक को ही एक सफल उद्योग में तब्दील करके दिखाया है।
प्रेरणा बचपन से ही शिल्प कला में काफी रुचि रखती थी, छोटी सी उम्र से ही वो हैंड मेड क्राफ़्ट (हाथ से बने सजावटी सामान) बनाती आ रहीं हैं, लेकिन प्रेरणा को अपनी प्रतिभा का एहसास 2015 में उनके दसवीं कक्षा के अंत मे जाकर हुआ जब उन्हें उनके सहपाठी ने प्रेरणा के द्वारा बनाये गए प्रोजेक्ट के सहयोग से खुश होकर उन्हें पैसे दे दिए जिसकी कल्पना उन्होंने कभी नही की थी परंतु इस घटना ने प्रेरणा को इस बात का एहसास दिलाया कि उनकी शिल्प कला असल मे कहीं न कहीं मूल्यवान है। प्रेरणा के बनाये क्राफ्ट उनके सहपाठी और अन्य दोस्तों को इतना पसंद आया कि प्रेरणा को दो-तीन प्रोजेक्ट और मिल गए जैसे कि हाँथ से बने जन्मदिन में दिए जाने वाले बर्थडे बॉक्स और अन्य सजावटी सामान। यह सिलसिला प्रेरणा के साथ उनके बारहवीं क्लास के अंत तक चला जो अबतक एक बड़ा आकर ले चुका था जिसने उन्हें एक अच्छी आमदनी करके दी थी।
साल 2018 में जब प्रेरणा ने अपनी बारहवीं की पढ़ाई पूरी की तब उन्होंने अपने खाली समय मे दोस्तों के सुझाव से अपने बिज़नेस को “द क्रिएटिव बर्ड” का नाम दिया।
द क्रिएटिव बर्ड यानी की प्रेरणा की इस स्टार्ट अप का लक्ष्य ही था कि आम इंसान की जिंदगी के खास क्षणों को हाथ से बने खास तोहफों से और अधिक खास और यादगार बनाना । प्रेरणा सामान्यतः हाथों से ही कैलेंडर, नोटबुक, एक्सप्लोजन बॉक्स, बर्थडे गिफ्ट, घरों के लिए सजावटी सामान, और अन्य हाथ से बने छोटे-छोटे प्रोडक्ट्स बनाती हैं। आपको यह जानकर हैरानी होगी कि जब प्रेरणा ने सबसे पहले सोशल साइट पर अपना प्रोडक्ट लॉन्च किया था जो कि एक कैलेंडर था जिसे उन्होंने खुद अपने हाथों से पेंटिंग की थी जो कि लोगों को काफी पसंद आए। उन्होंने शुरुआत में 30 कैलेंडर छपवाए थे और और पहली बार मे ही 30 में से 25 कैलेंडर सोशल साइट्स पर सेल कर दिए जो आमतौर पर आसान बात नही। इतना ही नही प्रेरणा उसके बाद अपने स्टार्टअप को और आगे बढ़ाने के लिए अकेली अपने दम पर ही छोटे-बड़े दुकान, वेंडरों और स्टेशनरी शॉप के साथ जुड़ीं जहां उन्होंने स्कूल और कॉलेजों के छात्र-छात्राओं के लिए हैंड मेड प्रोजेक्ट्स बनाये। आपको यह जानकर थोड़ी हैरानी और होगी क्योंकि जब प्रेरणा इस स्तर पर काम कर रहीं थी तब वो महज़ अट्ठारह साल की ही थी और सबकुछ अपने कॉलेज के प्रथम वर्ष में ही किया था।
मध्यमवर्ग परिवार से होने के बाद प्रेरणा के लिए यह स्टार्टअप यूं तो इतना आसान नहीं था पर उनके दृढ़ निश्चय और उनके अपने काम के प्रति समर्पण ने इस स्टार्टअप को कामयाब बना दिया है।