जैसे-जैसे केंद्रीय बजट 2025 नजदीक आ रहा है, करदाताओं और वित्तीय विशेषज्ञों की निगाहें आयकर में संभावित बदलावों पर टिकी हुई हैं। खासकर आयकर राहत को लेकर उम्मीदें हैं, जो लोगों की आय और अर्थव्यवस्था पर सीधा असर डाल सकती है। इस संदर्भ को समझने के लिए, भारत में हाल के वर्षों में किए गए प्रमुख आयकर सुधारों पर नजर डालना जरूरी है।
आयकर राहत का मतलब क्या है?
आयकर राहत का तात्पर्य उन नीतियों से है, जिनमें कर दरों को कम किया जाता है, छूट की सीमा बढ़ाई जाती है, या नई कटौतियां जोड़ी जाती हैं। इसका उद्देश्य:
- लोगों की कर देनदारी कम करना,
- खर्च करने की क्षमता बढ़ाना,
- और आर्थिक विकास को गति देना होता है।
नया कर ढांचा: एक बड़ा बदलाव
2020-21 के बजट में, सरकार ने नया कर ढांचा पेश किया, जो मौजूदा प्रणाली का एक विकल्प था। इस ढांचे का मुख्य उद्देश्य प्रक्रिया को सरल बनाना और अधिक अनुपालन सुनिश्चित करना था।
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नए कर ढांचे की मुख्य विशेषताएं:
- कम कर दरें: ₹15 लाख तक की आय के लिए दरें घटाई गईं।
- कोई छूट या कटौती नहीं: इस ढांचे को अपनाने वालों को HRA, LTA, और धारा 80C जैसी छूट का लाभ छोड़ना पड़ा।
- वैकल्पिक विकल्प: करदाता हर साल पुराने और नए ढांचे के बीच चयन कर सकते थे।
नया कर ढांचा और बजट 2023-24
नए ढांचे की कम स्वीकृति को देखते हुए, 2023-24 के बजट में इसे और आकर्षक बनाने के लिए कई सुधार किए गए:
- धारा 87A के तहत छूट: ₹7 लाख तक की आय पर शून्य कर किया गया।
- संशोधित कर संरचना: कर स्लैब को कम किया गया और आय सीमा में बदलाव किया गया।
- मानक कटौती: वेतनभोगी व्यक्तियों के लिए ₹50,000 की मानक कटौती जोड़ी गई।
- सुपरचार्ज कम हुआ: ₹5 करोड़ से अधिक आय वालों के लिए उच्चतम सुपरचार्ज को 37% से घटाकर 25% किया गया।
विशेषज्ञों की राय
- सकारात्मक दृष्टिकोण: कर दरों में कमी से उपभोग और अर्थव्यवस्था में तेजी आने की संभावना है।
- चिंताएं: छूट खत्म होने से बचत और निवेश पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
पिछली प्रमुख आयकर राहतें
आयकर सुधारों का मूल्यांकन करने के लिए, पिछले बड़े बदलावों पर नजर डालना जरूरी है:
- 1997 का “ड्रीम बजट”: कर दरों में कटौती और सरल संरचना ने राजस्व में बढ़ोतरी की।
- 2014 में छूट सीमा बढ़ी: ₹2 लाख से बढ़ाकर ₹2.5 लाख किया गया।
- 2019 अंतरिम बजट: ₹5 लाख तक की आय पर पूर्ण कर छूट दी गई।
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बजट 2025 से उम्मीदें
- नए कर ढांचे में और सुधार: इसे और लोकप्रिय बनाने के लिए सरकार और प्रोत्साहन जोड़ सकती है।
- छूट सीमा में बदलाव: करदाताओं को राहत देने के लिए नई कटौतियां या उच्च सीमा लागू हो सकती हैं।
- मध्यम वर्ग पर ध्यान: आर्थिक दबावों को देखते हुए, मध्यम वर्ग के लिए विशेष उपाय संभव हैं।
निष्कर्ष
आयकर सुधारों के जरिए भारत में कर प्रक्रिया को सरल और लोगों के लिए अनुकूल बनाने की कोशिशें की गई हैं। नया कर ढांचा इसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम था। जैसे-जैसे बजट 2025 पास आ रहा है, करदाताओं को उम्मीद है कि यह बजट उनकी आय और बचत को बढ़ाने के लिए नए रास्ते खोलेगा।