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भारत में कोल्ड स्टोरेज: लाभ, सरकारी सब्सिडी और आवेदन प्रक्रिया

by ffreedom blogs
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भारत में कोल्ड स्टोरेज क्या है?

कोल्ड स्टोरेज उन विशेष भंडारण सुविधाओं को कहते हैं, जहां फलों, सब्ज़ियों, डेयरी उत्पादों, मांस और समुद्री खाद्य पदार्थों को ठंडे तापमान में सुरक्षित रखा जाता है। इन सुविधाओं में तापमान और नमी का सही स्तर बनाए रखा जाता है ताकि उत्पाद लंबे समय तक ताज़ा रहें और उनका गुणवत्ता नष्ट न हो।


भारत में कोल्ड स्टोरेज का महत्व

भारत दुनिया में फलों और सब्ज़ियों का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक है। इसके बावजूद, खराब भंडारण सुविधाओं के कारण बड़ी मात्रा में कृषि उत्पाद बर्बाद हो जाते हैं।
कोल्ड स्टोरेज के महत्व:

  • बर्बादी कम करना: नाशवान वस्तुओं के खराब होने से बचाता है।
  • शेल्फ लाइफ बढ़ाना: किसान अपने उत्पादों को लंबे समय तक सुरक्षित रख सकते हैं।
  • निर्यात बढ़ावा: उच्च गुणवत्ता बनाए रखने से अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में प्रतिस्पर्धा कर सकते हैं।
  • खाद्य सुरक्षा: कटाई के बाद होने वाले नुकसान को कम करता है।

भारत में कोल्ड स्टोरेज के प्रकार

  1. बुल्क कोल्ड स्टोरेज: आलू और प्याज जैसे उत्पादों के बड़े पैमाने पर भंडारण के लिए।
  2. मल्टीपर्पज कोल्ड स्टोरेज: अलग-अलग तापमान वाले विभिन्न उत्पादों के लिए।
  3. फ्रोजन फूड स्टोरेज: मांस, समुद्री भोजन और फ्रोजन सब्ज़ियों के लिए।
  4. कंट्रोल्ड एटमॉस्फियर (CA) स्टोरेज: ऑक्सीजन और कार्बन डाइऑक्साइड का स्तर नियंत्रित करता है (जैसे सेब के लिए)।
  5. प्री-कूलिंग यूनिट्स: ताज़ा फसल को तुरंत ठंडा करने के लिए।

कोल्ड स्टोरेज के लाभ

  1. कटाई के बाद नुकसान कम करना:
    • सही तापमान में भंडारण से किसानों को आर्थिक नुकसान से बचाता है।
  2. बेहतर कीमत मिलना:
    • किसान सही समय पर, सही कीमत पर अपने उत्पाद बेच सकते हैं।
  3. निर्यात के अवसर:
    • गुणवत्तापूर्ण भंडारण से अंतरराष्ट्रीय मानकों को पूरा कर सकते हैं।
  4. वर्षभर उपलब्धता:
    • मौसमी फलों और सब्ज़ियों को पूरे साल उपलब्ध कराता है।
  5. खाद्य सुरक्षा:
    • साफ-सफाई बनाए रखता है और दूषित होने के खतरे को कम करता है।
  6. कृषि में विविधता:
    • किसानों को मूल्यवान फसलें उगाने का प्रोत्साहन देता है।

भारत में कोल्ड स्टोरेज के लिए सरकारी सब्सिडी

  1. NABARD कोल्ड स्टोरेज सब्सिडी:
    • योजना: एग्रीकल्चरल मार्केटिंग इंफ्रास्ट्रक्चर (AMI)।
    • सब्सिडी: प्रोजेक्ट लागत का 25% से 33%।
  2. नेशनल हॉर्टिकल्चर बोर्ड (NHB) सब्सिडी:
    • योग्यता: बागवानी से जुड़े कोल्ड स्टोरेज प्रोजेक्ट।
    • सब्सिडी: कुल प्रोजेक्ट लागत का 35% से 50%।
  3. प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना:
    • उद्देश्य: खाद्य प्रसंस्करण का आधुनिकीकरण और फसल के बाद होने वाले नुकसान को कम करना।
  4. राज्य सरकार की सब्सिडी:
    • अलग-अलग राज्यों में अतिरिक्त सब्सिडी मिल सकती है।

कोल्ड स्टोरेज सब्सिडी के लिए पात्रता

  • कौन आवेदन कर सकता है: किसान, किसान उत्पादक संगठन (FPOs), उद्यमी, सहकारी समितियाँ।
  • प्रोजेक्ट रिपोर्ट: विस्तृत योजना जिसमें लागत, तकनीकी जानकारी और वित्तीय अनुमान हो।
  • जमीन का प्रमाण: जमीन के स्वामित्व या लीज़ का प्रमाण।

कोल्ड स्टोरेज सब्सिडी के लिए आवेदन प्रक्रिया

  1. प्रोजेक्ट रिपोर्ट (DPR) तैयार करें: लागत, तकनीकी विवरण और वित्तीय योजना शामिल करें।
  2. आवेदन जमा करें: संबंधित सरकारी विभाग या NABARD, NHB की वेबसाइट पर ऑनलाइन आवेदन करें।
  3. मूल्यांकन: तकनीकी और वित्तीय स्थिति की समीक्षा होगी।
  4. मंजूरी: योजना स्वीकृत होने पर सब्सिडी प्रदान की जाएगी।
  5. प्रोजेक्ट पूरा करें: स्वीकृत योजना के अनुसार काम पूरा करें।
  6. सब्सिडी का वितरण: प्रोजेक्ट पूरा होने के बाद सब्सिडी जारी होगी।

कोल्ड स्टोरेज से जुड़ी चुनौतियाँ

  • उच्च प्रारंभिक निवेश: शुरू करने में बड़ी लागत आती है।
  • ऊर्जा खर्च: ग्रामीण इलाकों में बिजली का खर्च अधिक होता है।
  • जागरूकता की कमी: किसानों को योजनाओं और सब्सिडी की जानकारी नहीं होती।

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