भारत में बिजली की खपत पिछले दशक में लगभग 70% बढ़ी है। औद्योगिक और घरेलू क्षेत्रों की बढ़ती मांग ने इस वृद्धि को प्रोत्साहित किया है। वित्तीय वर्ष 2022 में देश की कुल वार्षिक बिजली खपत 1,300 बिलियन किलोवाट-घंटा (kWh) से अधिक हो गई। यह आर्थिक और जनसंख्या वृद्धि के साथ ऊर्जा की बढ़ती मांग को दर्शाता है।
आइए जानते हैं भारत के उन 5 राज्यों के बारे में, जो बिजली खपत में सबसे आगे हैं:
1. महाराष्ट्र
- कुल खपत: महाराष्ट्र बिजली खपत में सबसे आगे है। राज्य में घरेलू, कृषि, औद्योगिक और वाणिज्यिक क्षेत्रों में बिजली की खपत सबसे अधिक है।
- औद्योगिक उपयोग: महाराष्ट्र का मजबूत औद्योगिक क्षेत्र इसकी उच्च बिजली खपत का मुख्य कारण है।
- आर्थिक महत्व: यह राज्य भारत के सबसे औद्योगिकीकृत राज्यों में से एक है और इसकी बिजली खपत राज्य के शहरीकरण और आर्थिक गतिविधियों को दर्शाती है।
2. गुजरात
- कुल खपत: गुजरात बिजली खपत के मामले में दूसरे स्थान पर है।
- औद्योगिक प्रभुत्व: यह राज्य उद्योगों का केंद्र है, खासकर पेट्रोकेमिकल, कपड़ा और फार्मा जैसे क्षेत्रों में।
- ऊर्जा पहल: गुजरात नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों, जैसे सौर और पवन ऊर्जा, का भी उपयोग करता है।
3. उत्तर प्रदेश
- कुल खपत: उत्तर प्रदेश बिजली खपत में तीसरे स्थान पर है, जिसका श्रेय इसके बड़े जनसंख्या आधार और बढ़ते औद्योगिक विकास को जाता है।
- घरेलू उपयोग: राज्य की बड़ी आबादी घरेलू बिजली खपत में योगदान करती है।
- कृषि क्षेत्र: कृषि क्षेत्र में सिंचाई और अन्य गतिविधियों के लिए बिजली की खपत अधिक है।
4. तमिलनाडु
- कुल खपत: तमिलनाडु चौथे स्थान पर है। यहां विभिन्न क्षेत्रों में बिजली की खपत संतुलित है।
- नवीकरणीय ऊर्जा में अग्रणी: तमिलनाडु पवन ऊर्जा में अग्रणी है, जो इसकी बिजली खपत को पूरा करने में मदद करता है।
5. ओडिशा
- कुल खपत: ओडिशा बिजली खपत में पांचवें स्थान पर है।
- औद्योगिक विकास: राज्य में खनन और धातु जैसे क्षेत्रों में औद्योगिक गतिविधियों के कारण बिजली की खपत बढ़ी है।
- खपत में वृद्धि: 2012 से 2022 के बीच ओडिशा की वार्षिक बिजली खपत 32 बिलियन यूनिट (BU) से बढ़कर 82 BU हो गई।
अन्य मुख्य बातें
- बिहार की खपत में वृद्धि: बिहार में बिजली खपत 2012 से 2022 के बीच 350% बढ़ी है।
- घरेलू खपत में विविधता: गोवा प्रति व्यक्ति घरेलू बिजली खपत में सबसे आगे है।
बिजली खपत को प्रभावित करने वाले कारक
- आर्थिक विकास: औद्योगिक और आर्थिक रूप से विकसित राज्यों में बिजली की खपत अधिक होती है।
- जनसंख्या घनत्व: बड़ी आबादी वाले राज्यों में घरेलू खपत ज्यादा होती है।
- कृषि गतिविधियां: कृषि क्षेत्र में सिंचाई के लिए बिजली की खपत महत्वपूर्ण है।
- शहरीकरण: शहरीकरण और उन्नत बुनियादी ढांचे वाले क्षेत्रों में बिजली खपत अधिक होती है।
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भविष्य की दिशा और समाधान
- बुनियादी ढांचा विकास: बढ़ती बिजली खपत वाले राज्यों को बिजली आपूर्ति के लिए मजबूत बुनियादी ढांचे में निवेश करना चाहिए।
- ऊर्जा कुशलता: ऊर्जा-कुशल उपाय अपनाने से बिजली खपत को नियंत्रित किया जा सकता है।
भारत में बिजली खपत का यह विश्लेषण नीति निर्माताओं और उद्योगों को बेहतर योजना बनाने में मदद करेगा।