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मीर उस्मान अली खान: हैदराबाद के आखिरी निज़ाम और भारत के पहले अरबपति की कहानी

by ffreedom blogs

भारत का इतिहास शाही राजाओं और उनकी भव्य जीवनशैली की कहानियों से भरा हुआ है। इन्हीं कहानियों में एक नाम है मीर उस्मान अली खान का, जो हैदराबाद के आखिरी निज़ाम और भारत के पहले अरबपति के रूप में जाने जाते हैं। उनकी अपार संपत्ति और शानदार जीवनशैली ने उन्हें इतिहास में एक खास स्थान दिलाया। आइए जानते हैं, मीर उस्मान अली खान की जिंदगी, उनकी संपत्ति और उनकी ऐतिहासिक विरासत के बारे में।


मीर उस्मान अली खान कौन थे?

मीर उस्मान अली खान का जन्म 6 अप्रैल, 1886 को हुआ था। वह हैदराबाद के सातवें निज़ाम थे और उन्होंने 1911 से 1948 तक शासन किया। उनके शासनकाल को हैदराबाद के स्वर्ण युग के रूप में जाना जाता है।

  • पूरा नाम: मीर उस्मान अली खान, आसफ जाह VII
  • उपाधि: हैदराबाद के आखिरी निज़ाम
  • शासनकाल: 1911 से 1948
  • विशेष उपलब्धि: 1937 में टाइम पत्रिका ने उन्हें दुनिया का सबसे अमीर व्यक्ति घोषित किया।
(Source – Freepik)

मीर उस्मान अली खान की असीम संपत्ति

मीर उस्मान अली खान की संपत्ति इतनी विशाल थी कि वह उस समय के अरबपतियों में सबसे आगे थे।

  • नेट वर्थ: 1940 के दशक में लगभग 2 बिलियन डॉलर (आज के समय में 250 बिलियन डॉलर से अधिक)।
  • हीरे और जवाहरात:
    • दुनिया के सबसे बड़े हीरों में से एक जैकब डायमंड उनके पास था, जिसकी कीमत आज अरबों में है।
    • वह इस हीरे का इस्तेमाल पेपरवेट के रूप में करते थे।
  • शानदार जीवनशैली:
    • उनके पास 50 से अधिक रोल्स-रॉयस कारें थीं।
    • उनके खजाने में सोना, चांदी और बेशकीमती रत्नों का भंडार था।

उनके योगदान और विरासत

अपनी अपार संपत्ति के बावजूद मीर उस्मान अली खान ने हैदराबाद के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया।

  1. शिक्षा और संस्थान:
    • 1918 में उस्मानिया विश्वविद्यालय की स्थापना की।
    • कॉलेज, स्कूल और पुस्तकालय बनवाए।
  2. इंफ्रास्ट्रक्चर विकास:
    • उनके शासनकाल में हैदराबाद हाई कोर्ट, उस्मानिया जनरल हॉस्पिटल और निज़ाम स्टेट रेलवे जैसी संरचनाएं बनीं।
  3. धार्मिक सद्भावना:
    • उन्होंने हिंदू मंदिरों और मुस्लिम मस्जिदों दोनों को दान दिया।
  4. चैरिटी और दान:
    • बंगाल अकाल जैसे संकटों के दौरान बड़े पैमाने पर दान दिया।

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उनके शासन का अंत

मीर उस्मान अली खान का शासन 1948 में भारतीय सेना के ऑपरेशन पोलो के साथ समाप्त हुआ। हैदराबाद भारतीय संघ का हिस्सा बन गया, जिससे भारत के रियासतों का युग समाप्त हुआ।


दौलतमंद होने के बावजूद सरल व्यक्तित्व

(Source – Freepik)
  • सादगी: उन्होंने अपनी संपत्ति के बावजूद साधारण कपड़े पहने और अपने मोजे खुद सिलते थे।
  • कूटनीति: ब्रिटिश साम्राज्य और अन्य रियासतों के साथ घनिष्ठ संबंध बनाए।

आज की विरासत

मीर उस्मान अली खान की संपत्ति और उनके वंशज आज भी लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र हैं।

  • उनके वंशज आज की तुलना में एक साधारण जीवन जीते हैं।
  • फलकनुमा पैलेस और चौमहल्ला पैलेस जैसे उनके महल पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं।

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मीर उस्मान अली खान से जुड़े रोचक तथ्य

  • टाइम पत्रिका ने 1937 में उन्हें दुनिया का सबसे अमीर व्यक्ति घोषित किया।
  • उनके पास 1000 करोड़ रुपये का पेपरवेट था – जैकब डायमंड।
  • उनके पास लगभग 25,000 सैनिकों की एक सेना थी।

भारत के पहले अरबपति क्यों कहे जाते हैं?

(Source – Freepik)

मीर उस्मान अली खान की संपत्ति, उनके खजाने और उनके प्रभाव ने उन्हें भारत का पहला अरबपति बना दिया। उनका जीवन भारतीय इतिहास में शाही भव्यता का प्रतीक है।


निष्कर्ष

मीर उस्मान अली खान, हैदराबाद के आखिरी निज़ाम, भारत के इतिहास का एक अनोखा अध्याय हैं। उनकी अपार संपत्ति, शिक्षा और इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए उनके योगदान और उनकी दिलचस्प जीवनशैली आज भी लोगों को प्रेरित करती है। उनका युग भले ही खत्म हो गया हो, लेकिन उनकी विरासत आज भी भारतीय संस्कृति और इतिहास में जीवित है।

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