EPFO (कर्मचारी भविष्य निधि संगठन) अब अपने क्लेम सेटलमेंट सिस्टम में बड़ा सुधार करने जा रहा है। नया ऑटोमैटिक क्लेम सेटलमेंट प्रोसेस लागू होने से करोड़ों PF धारकों को अपनी रकम जल्द और आसानी से मिल सकेगी। श्रम मंत्रालय ने EPFO के इस बदलाव को तेजी से लागू करने के लिए एक विशेष समिति का गठन किया है। आइए जानते हैं इस पहल की पूरी जानकारी।
EPFO के नए ऑटोमैटिक क्लेम सेटलमेंट की मुख्य बातें
- समिति का गठन:
श्रम मंत्रालय ने EPFO के ऑटोमैटिक क्लेम सेटलमेंट सिस्टम को बेहतर बनाने के लिए 5 सदस्यीय समिति बनाई है। इस समिति की अध्यक्षता फाइनेंशियल एडवाइजर जी. मधुमिता दास करेंगी।
👉 समिति को अगले महीने के मध्य तक अपनी सिफारिशें सौंपनी होंगी। - ऑटोमैटिक सेटलमेंट की सीमा बढ़ाई जाएगी:
वर्तमान में EPFO कुछ खास मामलों में ₹1 लाख तक की आंशिक निकासी का ऑटोमैटिक सेटलमेंट करता है, जैसे कि घर खरीदने, बच्चों की पढ़ाई या शादी के खर्च के लिए।
👉 पहले ये सीमा ₹50,000 थी, जो अब बढ़ाकर ₹1 लाख कर दी गई है। - पेंशन क्लेम भी होंगे ऑटोमैटिक:
अब पेंशन क्लेम भी ऑटोमैटिक सेटलमेंट में शामिल किए जाएंगे। यानी Employees’ Pension Scheme (EPS) के तहत किए गए सभी पेंशन क्लेम ऑटोमैटिक तरीके से प्रोसेस किए जाएंगे, बशर्ते आवेदन सही तरीके से जमा किया गया हो।
EPFO क्लेम सेटलमेंट में मौजूदा समस्याएं
वर्तमान में EPFO के क्लेम सेटलमेंट में कई चुनौतियां हैं, जिनकी वजह से PF धारकों को समय पर भुगतान नहीं मिल पाता। ये हैं प्रमुख समस्याएं:
- क्लेम रिजेक्शन की दर अधिक:
👉 EPFO के आंतरिक आंकड़ों के अनुसार, 60% से अधिक क्लेम वैलिडेशन (सत्यापन) समस्याओं के कारण रिजेक्ट हो जाते हैं। - ज्यादा वेरिफिकेशन चेक:
👉 फिलहाल एक आवेदन को प्रोसेस करने से पहले 27 बैकएंड वेरिफिकेशन चेक किए जाते हैं। ये अतिरिक्त चेकिंग प्रक्रिया सेटलमेंट में देरी का कारण बनती है।
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समिति की सिफारिशें: क्या बदलेगा?
सरकार की ओर से बनाई गई समिति ने कुछ महत्वपूर्ण बदलाव सुझाए हैं, जो क्लेम सेटलमेंट प्रक्रिया को तेज और आसान बनाएंगे:
1️⃣ वैलिडेशन चेक में कमी:
👉 अनावश्यक वेरिफिकेशन चेक हटाए जाएंगे ताकि क्लेम रिजेक्शन की दर कम हो सके।
2️⃣ तकनीक का बेहतर इस्तेमाल:
👉 EPFO अपने सिस्टम में नई तकनीकों का उपयोग करेगा ताकि यूजर्स को एक फ्रेंडली और फास्ट क्लेम सेटलमेंट अनुभव मिल सके।
PF धारकों के लिए क्या होगा फायदा?
EPFO के इस सुधार से Provident Fund (PF) सब्सक्राइबर्स को कई फायदे मिलेंगे:
✅ तेज सेटलमेंट प्रक्रिया:
👉 ऑटोमैटिक प्रोसेसिंग से क्लेम जल्दी से निपटेंगे।
✅ बेहतर यूजर एक्सपीरियंस:
👉 क्लेम प्रोसेस में देरी कम होगी और यूजर्स को एक सहज अनुभव मिलेगा।
✅ कम दस्तावेजी प्रक्रिया:
👉 मैन्युअल दस्तावेज चेकिंग की प्रक्रिया घटने से यूजर्स को बार-बार आवेदन करने की जरूरत नहीं होगी।
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EPFO के मौजूदा परफॉर्मेंस आंकड़े
हाल ही में EPFO ने वित्त वर्ष 2023-24 में बड़ी संख्या में क्लेम सेटल किए। आइए नजर डालते हैं इन आंकड़ों पर:
- कुल प्रोसेस किए गए क्लेम:
👉 4.45 करोड़ क्लेम वित्त वर्ष 2023-24 में प्रोसेस किए गए। - सेटलमेंट का समय:
- 1.39 करोड़ क्लेम 3 दिन के भीतर निपटाए गए।
- 1.43 करोड़ क्लेम 10 दिन के भीतर।
- 1.45 करोड़ क्लेम 20 दिन के भीतर।
- 18 लाख क्लेम को 20 दिन से ज्यादा का समय लगा।
- क्लेम के प्रकार:
👉 4.09 करोड़ PF क्लेम (फाइनल सेटलमेंट, एडवांस, आंशिक निकासी)।
👉 34.5 लाख पेंशन क्लेम।
👉 75,000 बीमा क्लेम (Employees’ Deposit Linked Insurance Scheme – EDLI के तहत)।
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आगे की राह: क्या होगा बदलाव?
EPFO के इस ऑटोमैटिक सेटलमेंट सिस्टम से करोड़ों PF धारकों को फायदा होगा। यह पहल सरकार की ओर से डिजिटल इंडिया और ई-गवर्नेंस के तहत एक महत्वपूर्ण कदम है।
समिति की रिपोर्ट आने के बाद EPFO इस नए सिस्टम को चरणबद्ध तरीके से लागू करेगा।
इस सुधार का मकसद है कि PF सब्सक्राइबर्स को उनकी जरूरत के समय बिना किसी देरी के उनका पैसा मिल जाए।