क्या आपने कभी सिर्फ़ दूध लेने के लिए सुपरमार्केट में कदम रखा और अचानक खुद को भरी हुई शॉपिंग कार्ट के साथ पाया? यह कोई संयोग नहीं है! सुपरमार्केट की डिज़ाइन इस तरह बनाई जाती है कि ग्राहक ज़्यादा खरीदारी करें, और इस रणनीति का एक प्रमुख हिस्सा ज़रूरी वस्तुओं जैसे दूध, ब्रेड और अंडों को स्टोर के पीछे रखना है।
इस ब्लॉग में हम जानेंगे कि सुपरमार्केट ऐसा क्यों करते हैं, स्टोर लेआउट कैसे आपकी शॉपिंग आदतों को प्रभावित करता है, और आपके लिए इसका क्या मतलब है।
ज़रूरी वस्तुएं पीछे क्यों रखी जाती हैं?
सुपरमार्केट उत्पादों को रणनीतिक रूप से व्यवस्थित करते हैं ताकि अधिकतम बिक्री सुनिश्चित की जा सके। आइए जानें इसके पीछे के कारण:
1. बिना योजना के ख़रीदारी को बढ़ावा देना
- जब ग्राहक आवश्यक वस्तुओं के लिए स्टोर में चलते हैं, तो उन्हें रास्ते में कई अन्य उत्पाद दिखते हैं जो उन्होंने खरीदने की योजना नहीं बनाई थी।
- सुपरमार्केट रास्ते में आकर्षक छूट, मौसमी ऑफ़र और सुंदर उत्पाद प्रदर्शन रखते हैं।
- यह अनायास खरीदारी (इंपल्स बायिंग) को बढ़ावा देता है, जिससे बिक्री बढ़ती है।
2. स्टोर के विभिन्न हिस्सों में घूमने के लिए प्रेरित करना
- ग्राहक जितना अधिक समय स्टोर में बिताते हैं, उनके अतिरिक्त चीज़ें खरीदने की संभावना उतनी ही बढ़ जाती है।
- आवश्यक वस्तुओं को पीछे रखकर उन्हें पूरे स्टोर में चलने के लिए मजबूर किया जाता है, जिससे नए उत्पादों के प्रति उनकी रुचि बढ़ती है।
3. उच्च लाभ वाले उत्पादों को प्रमोट करना
- दूध और ब्रेड जैसी आवश्यक वस्तुओं पर सुपरमार्केट का लाभ कम होता है।
- इसीलिए, इनके रास्ते में चिप्स, कोल्ड ड्रिंक्स और महंगे स्नैक्स जैसे अधिक लाभदायक उत्पाद रखे जाते हैं।
- महंगे ब्रांड्स को आँखों की सीध में और सस्ते विकल्पों को नीचे या ऊपर की शेल्फ़ में रखा जाता है।
4. ग्राहकों को बेहतर खरीदारी अनुभव देना
- आधुनिक सुपरमार्केट केवल खरीदारी की जगह नहीं हैं, बल्कि वे एक अनुभव प्रदान करने की कोशिश करते हैं।
- उनकी डिज़ाइन ग्राहकों को उत्पादों की खोज करने और नए आइटम आज़माने के लिए प्रेरित करती है।
5. खरीदारी की मानसिकता को प्रभावित करना
- सुपरमार्केट इस तरह से डिज़ाइन किए जाते हैं कि ग्राहक अधिक समय तक अंदर रहें।
- बैकग्राउंड म्यूजिक, अच्छी लाइटिंग और शेल्फ़ अरेंजमेंट खरीदारी को प्रभावित करते हैं।
- ज़रूरी चीज़ें पीछे रखने से ग्राहक जल्दबाज़ी में बाहर नहीं निकल पाते।
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शॉपिंग व्यवहार को प्रभावित करने वाली अन्य सुपरमार्केट रणनीतियाँ
सुपरमार्केट केवल आवश्यक वस्तुओं को पीछे रखने तक ही सीमित नहीं हैं। वे अन्य स्मार्ट रणनीतियाँ भी अपनाते हैं:
1. प्रवेश क्षेत्र (डिकंप्रेशन ज़ोन)
- प्रवेश के ठीक बाद का क्षेत्र ग्राहकों को धीमा करने और ‘शॉपिंग मोड’ में लाने के लिए डिज़ाइन किया जाता है।
- यही कारण है कि फल, फूल और ताज़ी बेकरी आइटम अक्सर स्टोर के प्रवेश द्वार पर रखे जाते हैं।
2. उच्च मांग वाले उत्पादों को स्टोर के किनारों पर रखना
- डेयरी उत्पाद, मांस और ताज़ी सब्ज़ियाँ आमतौर पर स्टोर की परिधि पर रखी जाती हैं।
- इससे ग्राहकों को पूरे स्टोर में घूमना पड़ता है, जिससे उनकी ख़रीदारी की मात्रा बढ़ जाती है।
3. कैश काउंटर पर लुभावने उत्पाद रखना
- कैश काउंटर पर चॉकलेट, च्यूइंग गम और मैगज़ीन जैसे छोटे लेकिन अधिक लाभदायक उत्पाद रखे जाते हैं।
- यह ग्राहकों को लाइन में खड़े-खड़े अंतिम समय पर खरीदारी करने के लिए प्रेरित करता है।
4. महंगे ब्रांड्स को आँखों की सीध में रखना
- प्रीमियम ब्रांड्स को ग्राहकों की आँखों की सीध में रखा जाता है क्योंकि यही जगह सबसे पहले ध्यान आकर्षित करती है।
- किफायती विकल्पों को अक्सर ऊपरी या निचले शेल्फ़ पर रखा जाता है।
5. बड़े शॉपिंग कार्ट देना
- सुपरमार्केट बड़े कार्ट देते हैं ताकि ग्राहक ज़रूरत से ज़्यादा सामान ख़रीदें।
- अगर कार्ट में कम सामान होता है तो ग्राहक को लगता है कि उन्होंने पर्याप्त नहीं ख़रीदा है, जिससे वे और अधिक सामान लेने के लिए प्रेरित होते हैं।
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कैसे करें स्मार्ट शॉपिंग और बचाएँ पैसे?
इन रणनीतियों को समझकर, आप अधिक समझदारी से ख़रीदारी कर सकते हैं:
- शॉपिंग लिस्ट बनाएं: अनावश्यक खरीदारी से बचने के लिए लिस्ट बनाकर चलें।
- कार्ट की जगह टोकरी चुनें: कम सामान लेने के लिए छोटी टोकरी का इस्तेमाल करें।
- भूखे पेट न खरीदारी करें: भूख लगने पर हर चीज़ आकर्षक लगती है!
- आँखों की सीध से हटकर देखें: सस्ते विकल्प नीचे या ऊपर रखे होते हैं।
- समय सीमा तय करें: ज़्यादा समय बिताने से ज़्यादा खर्च होता है, इसलिए समय निर्धारित करें।
निष्कर्ष
सुपरमार्केट इस तरह डिज़ाइन किए जाते हैं कि ग्राहक अधिक ख़रीदारी करें। आवश्यक वस्तुओं को पीछे रखना एक सोची-समझी रणनीति है, जिससे ग्राहक स्टोर में अधिक समय बिताएं और अधिक ख़रीदारी करें।
यदि आप इन तकनीकों को समझ लेते हैं, तो अगली बार जब आप सुपरमार्केट जाएं, तो स्मार्ट शॉपिंग कर सकते हैं और फालतू खर्च से बच सकते हैं।